शनिवार, 3 नवंबर 2007

अल्फाज़ तेरे नाम के....


तेरे प्यार के रोशन च़रागों से, ज़िन्दगी का अँधेरा मिटा लूँगा,
ज़हमतें आये चाहे जितनी राहों में, ज़हमतें मैं उठा लूँगा ।।

मेरे दिलो-दिमाग पर नक्श तेरे प्यार का रहेगा सदा,
चश्मा-ए-खूँ मे भी तेरी खातिर शौक से नहा लूँगा ।।

खुशनसीबी समझूँ अपनी या समझूँ तेरी रहनुमाई,
तूने मोहब्बत की मुझसे तेरी उल्फ़त में ये जहाँ लुटा लूँगा ।।

मेरे लफ्ज़ों मे सजे रहेगें सदा, अल्फाज़ तेरे नाम के,
'गर मौत भी भेज दी दर पर तूने, हंस के गले लगा लूँगा ।।

जुस्तज़ू तेरी रहेगी हर लम्हा, मेरे इस वज़ूद को,
तुझसे मिलने की चाह में कदम तूफाँ में भी चला लूँगा ।।

20 टिप्‍पणियां:

Shantanu ने कहा…

i think this is ur best creation.....mazaa aa gaya.....salute u!!

Unknown ने कहा…

बहुत अच्छी गजल है, पर आप इतने दिन हमसभी से दूर क्यो थै?

जुस्तज़ू तेरी रहेगी हर लम्हा, मेरे इस वज़ूद को,
तुझसे मिलने की चाह में कदम तूफाँ में भी चला लूँगा ।।
बहुत अच्छी लाइने है । आपको बहुत बहुत बधाई ।

रंजू भाटिया ने कहा…

जुस्तज़ू तेरी रहेगी हर लम्हा, मेरे इस वज़ूद को,
तुझसे मिलने की चाह में कदम तूफाँ में भी चला लूँगा ।।

वाह!! बहुत खूब लिखा है आपने मनु ....बहुत दिनों बाद आपका लिखा पढ़ा अच्छा लगा लिखते रहें बहुत बधाई ।

Piyush ने कहा…

wow bhai..bahut acchi thi..keep posting more..koi hasya kavita ho to plz mujhe link bhejna..lookin fwd for more such beautiful creations..

बेनामी ने कहा…

ab kya likhu aapki in rachnao ke bare mai its too gud ............ab to yahio chahte hai ki aapke kadam aur hath dono kabhi na ruke ..wish u all the best...........

Sambhav ने कहा…

Bhaut Hi Sunder Rachna... Aanand Aa Gaya

बेनामी ने कहा…

aarya manu ji

apki rachna bahut hi aachee hai.. haumain bahut hi pasand aaye..
hum janty hain ki

"gazal main banidishon alfaaz hi nahi kafi...jigar ka khoon bhee kuch chahiye aashar ky liye"

hum yeh hi dua karty hain ki bina jigar ky khoon ky aap bahut sari aachee kavitayin likhayin..

sasneh

पार्थ जैन ने कहा…

आप वाकई बहुत अच्छा लिखते है आप ने बहुत दिनो बाद कुछ लिखा और ऎसा लिखा कि इतने दिनों का सारा जोश इसी में डाल दिया...मुझे ये काफ़ी अच्छी लगी खास तौर पर ये पंक्तियां इनका तो कोई जवाब ही नही है
मेरे लफ्ज़ों मे सजे रहेगें सदा, अल्फाज़ तेरे नाम के,
'गर मौत भी भेज दी दर पर तूने, हंस के गले लगा लूँगा ।।

Shantanu ने कहा…

arre sirjee...........bahut din se kuch nayaa nahi likha aapne!!

ek aur isi feeling ki farmaayish hai...

बेनामी ने कहा…

hame aapaki shayari ne deewana bana diya
thodi der ke site antrence ka fasana bana diya
hamane nahi dekhe aise shayar
aapane to hame bhi apna deewana bana diya

Unknown ने कहा…

Great composition dude!! bahot hi sundar likhte ho tum .. mujhe nahi pata tha tum itne ache kavi ho !!! :-) ..keep this good work going !!

Manav Mehta 'मन' ने कहा…

bahut sundar janab...........
achha lga aapke blog par aa kar.....bahut sundar rachnayien padhne ko mili.....

aur haan aapka dhnyawad ki aap mere blog par aaye,aur mujhe honsla diya...

manav mehta.

naresh ने कहा…

good one!

Randhir Singh Suman ने कहा…

जुस्तज़ू तेरी रहेगी हर लम्हा, मेरे इस वज़ूद को,
तुझसे मिलने की चाह में कदम तूफाँ में भी चला लूँगा nice

रश्मि प्रभा... ने कहा…

जुस्तज़ू तेरी रहेगी हर लम्हा, मेरे इस वज़ूद को,
तुझसे मिलने की चाह में कदम तूफाँ में भी चला लूँगा ।।
waah

बेनामी ने कहा…

hemant apki kavita so Good

hdadhich ने कहा…

apaki kavita very nice he

संजय भास्‍कर ने कहा…

कुछ रचनायें ऐसी होती है, जिनपर टिपण्णी करना बे-मानी हो जाता है, क्योंकि शब्द अपना अर्थ खो देते हैं...
आपकी इस रचना के लिए मेरे ह्रदय में कुछ ऐसे ही उदगार हुए है....

Nitin Yadav ने कहा…

aap ki ye rachna to DIL main utar gayi,,,

अब्दुल रशीद ने कहा…

बेहद खूबसूरत रचना
शब्दों की बाज़ीगरी है या हक़ीक़त ये तो आप जाने लेकिन इस रचना में महक है मुहब्बत की हरकत है जुदाई की ताकत है तनहाई की और रंगत है रोशनाई की.
बेहद उम्दा
अब्दुल रशीद
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